Tuesday, September 30, 2008

Mann...

मन का हो तो अच्छा, मन का ना हो तो और भी अच्छा... (If you get your desire its good, and if not... its better).

हरिवंश राय बच्चन की यह पंक्तियां शायद आज के समय की सब से उपयुक्त पंक्तियां है। आज भी मुझे याद है जब मैंने इन शब्दों को पहली बार पढ़ा था, तब शायद मुझे भी इन का महत्व समज नही आया था। लेकिन आज जब वापस सोचा जाए तो ऐसा लगता है की शायद पुरी ज़िन्दगी ही इन में सिमट गई है, कुछ बातें कभी बहौत परेशान करती है तो फिर कुछ समय निकल जाने के बाद लगता है की अच्छा ही हुआ। शायद इसी का नाम ज़िन्दगी है, और ऐसे ही आगे बढ़ते जाना है...

These are the random thoughts collected by me sometime back... out of the blue... at some unknown time at some unknown place...


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