Sunday, December 2, 2012

ज़िन्दगी रूकती नहीं है...



Life could be very simple or sometimes very complicated. For some people it could be celebration and for others it could be never ending darkness. But, the ultimate truth is that life never stops. It keeps on going with new experiences and new experiments… So this poem is for that special journey called life!



ज़िन्दगी रूकती नहीं है...


कभी अंधेरो सी, कभी उजालों सी,
कभी समन्दर की गहराईयों सी,
कभी आकाश सी उचाईयों सी,
ये डोर टूटती नहीं है, ज़िन्दगी रूकती नहीं है...

कही रोज़ की आपाधापी में खो जाती है,
तो कही किसी मोड़ पर चैन की नींद सो जाती है,
कभी गिरती है, कभी संभलती है,
फिर उठ कर चलने लगती है, ज़िन्दगी रूकती नहीं है...

कुछ अपनों के लिए, कुछ परायों के लिए,
कभी हंसती है, कभी उदास  होती है,
कुछ जानी सी, कुछ  अनजानी सी,या शायद पहचानी सी,
एक ख़त्म न होती  कहानी सी,ज़िन्दगी रूकती नहीं है...

किसी के प्यार से किसी की तकरार से,
किसी के वादों से, किसी की यादों से,
कुछ उनसुलझे सवालों से, कुछ ख़ास जवाबों से,
हर दौर से ये  गुज़रती है, पर, ज़िन्दगी रूकती नहीं है।

-अनूप

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