आज फिर...
आज फिर दिल कह रहा है उन यादों को जीने को,
आज फिर दिल कह रहा है उन रास्तों से गुजरने को,
आज फिर दिल कह रहा है उन यादों को जीने को,
आज फिर दिल कह रहा है उन रास्तों से गुजरने को,
आज फिर दिल कह रहा है वो गलतियाँ करने को,
आज फिर दिल कह रहा है किसी से मिलने को...
कुछ यादें ख़ास होती है, दिल के पास होती है,
एक अहसास होती है, या कुछ राज़ होती है,
हम चलते रहते है, रह बदलते रहते है,
कुछ राहे बिछडती जाती है, और नयी मिलती जाती है,
कुछ राहे यादें बन जाती है, फिर हमें बुलाती है।
मन को समझाना मुश्किल है,
वो ही जानता है की क्या उसकी ख्वाहिश है,
कभी गलतियाँ करने से रोकता है,
... और कभी उन्हें दोबारा करने को कहता है।
राहों पर लोग मिलते बिछडते है, उन लोगों मैं कुछ ख़ास होते है,
उनकी यादें रह जाती है, कुछ अनकही बातें रह जाती है,
फिर... किसी दिन किसी मोड़ कर, मन करता है उस 'ख़ास' से मिलने का,
उन यादों को जीने का, उन गलतियों को करने का,
लेकिन मन भी बड़ा अजीब है, डरता है उन बातों को कहने से,
या शायद... कुछ गम फिर से सहने से...
-अनूप
2 comments:
Feeling nostalgic. Touching.
me too... thats when it came out!
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