Thursday, March 3, 2011

ख़ामोशी


ख़ामोशी 

खामोश नज़रें कुछ कहती है, 
बातें फिर भी दिल में रहती है|

इन नज़रों में एक ख्वाब है, 
तमन्ना है कुछ करने की,
बहुत आगे बदने की, 
क्षितिज को छूने की,
आसमा से ऊंचा उड़ने की, 
दुनिया मुट्ठी में करने की, 
बस, यही एक ख्वाब है|

बातें भी कुछ ख़ास है, 
इस नासमझ दिल के पास है, 
बातें है मंजिलो की, 
मंजिलो को जाती राहों की, 
कहती है तू इन राहों पर चले जा, 
अपने मन की करे जा, 
बस, यूँ ही आगे बढ़े जा| 

इन नज़रों में छुपी जो बातें है, 
ख्वाबों से भरी जो आखें है, 
कहती है छु लो आसमान, 
अनंत हो तुम, अद्भुत है तुम्हारी क्षमता, 
अविरल अविचल बढते चलो, 
सब को अपना करते चलो...

- अनूप