युगांधर
जब अन्धकार में पाओ खुदको,
प्रकाश की और रुख करना तुम,
जब आशा की लो बुझती दिखे,
नई राहे खोजना तुम।
तुम हो जो कुछ कर सकते हो,
तुम ही आगे बाद सकते हो,
बस अपनी इच्छाशक्ति समेट कर,
जुट जाओ लक्ष्य प्राप्ति में।
यही वक्त है, जब तुम कुछ कर सकते हो,
नई राहे चुन सकते हो,
आत्ममुग्घता से बहार निकल कर,
सबको अपना कर सकते हो।
जागो! तुम ही विजेता हो इस युग के,
तुम्हे युगांधर बन दिखलाना है।
जब अन्धकार में पाओ खुदको,
प्रकाश की और रुख करना तुम,
जब आशा की लो बुझती दिखे,
नई राहे खोजना तुम।
तुम हो जो कुछ कर सकते हो,
तुम ही आगे बाद सकते हो,
बस अपनी इच्छाशक्ति समेट कर,
जुट जाओ लक्ष्य प्राप्ति में।
यही वक्त है, जब तुम कुछ कर सकते हो,
नई राहे चुन सकते हो,
आत्ममुग्घता से बहार निकल कर,
सबको अपना कर सकते हो।
जागो! तुम ही विजेता हो इस युग के,
तुम्हे युगांधर बन दिखलाना है।